चंडीगढ़/गुरदासपुर, 19 मई:(हरबंस सिंह)

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सुहृदय  सोच के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चलाई जा रही मुहिम के दौरान, जासूसी-विरोधी बड़ी कार्रवाई के तहत, गुरदासपुर पुलिस ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं के बारे में महत्वपूर्ण एवं खुफिया जानकारी पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को लीक करने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने सोमवार को यहां दी।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान गुरदासपुर के गांव आदियां के रहने वाले सुखप्रीत सिंह और गुरदासपुर के चंदू वडाला के रहने वाले करनबीर सिंह के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाइल फोन और .30 बोर के आठ जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि गुरदासपुर पुलिस ने इन दोनों व्यक्तियों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ – जिसमें सशस्त्र सेनाओं की गतिविधियों, और पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के रणनीतिक स्थानों संबंधी संवेदनशील जानकारी, अपने आईएसआई हैंडलरों को लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि इनकी गिरफ्तारी से पंजाब पुलिस ने देश की सुरक्षा से समझौता करने की घिनौनी कोशिश को नाकाम कर दिया है।

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पुष्टि हुई है कि दोनों आरोपी आईएसआई के कार्यकर्ताओं के साथ सीधे संपर्क में थे और उन्होंने आईएसआई को भारतीय सशस्त्र सेनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया कराई थी।

यह दोहराते हुए कि पंजाब पुलिस भारतीय सेना के साथ पूरी दृढ़ता से खड़ी है, डीजीपी ने कहा कि हमारी सशस्त्र सेनाओं की सुरक्षा को कमजोर करने वाली किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ और तुरंत जवाब दिया जाएगा। इस मामले में गहराई से चल रही जांच से और खुलासे होने की उम्मीद है।

ऑपरेशन संबंधी विवरण साझा करते हुए, सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) गुरदासपुर आदित्य ने कहा कि 15 मई, 2025 को, विश्वसनीय सूत्रों की खुफिया सूचना से पता चला था कि संदिग्ध सुखप्रीत सिंह और करनबीर सिंह आईएसआई हैंडलरों के साथ सेना की गतिविधियों संबंधी अहम विवरण साझा करने में शामिल थे। उन्होंने कहा कि मुस्तैदी से कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने दोनों संदिग्धों को निगरानी में रखा और गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने कहा कि मुलजिमों के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच से खुफिया जानकारी साझा करने की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी वित्तीय लाभों के बदले सेनाओं की गुप्त जानकारी आगे भेज रहे थे।

एसएसपी ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, यह भी पता चला कि वे पहले नशा तस्करी की गतिविधियों में भी शामिल थे, जिसके माध्यम से वे आईएसआई हैंडलरों के संपर्क में आए। उनके वित्तीय लेनदेन, जिसमें ऑनलाइन और नकद लेनदेन शामिल हैं, की भी जांच की जा रही है।’’

पुलिस थाना दोरंगला में एफआईआर नंबर 45 दिनांक 15-5-25 को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3, बीएनएस की धारा 152 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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