चंडीगढ़, 19 सितंबर (हरबंस सिंह)
पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अनुसूचित जाति (एस.सी.) और पिछड़ी श्रेणियों (बी.सी.) के कर्मचारियों और समुदायों की लम्बे समय से चली आ रही संवैधानिक माँगों और मुद्दों को हल करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने यह भरोसा पंजाब भर के 27 एस.सी. और बी.सी. कर्मचारी तथा सामाजिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली संयुक्त कार्रवाई समिति के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान दिया।
पंजाब भवन में हुई इस बैठक में इन समुदायों को प्रभावित करने वाले कई महत्वपूर्ण मुद्दों, जिनमें सरकारी कर्मचारियों, सामाजिक न्याय और संवैधानिक अधिकारों से जुड़ी माँगें शामिल थीं, पर ध्यान केंद्रित किया गया। वित्त मंत्री ने संयुक्त कार्रवाई कमेटी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और संबंधित अधिकारियों को इन मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के निर्देश दिए।
इस बात पर ज़ोर देते हुए कि आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब सरकार पहले ही इनमें से कई मामलों को हल करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर चुकी है और शेष मुद्दों को पूरी तत्परता के साथ हल करने के लिए प्रतिबद्ध है, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब के सभी नागरिकों के लिए सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित करने के प्रति समर्पित है। उन्होंने कहा कि वे बैठक के दौरान उठाई गई माँगों के संवैधानिक महत्व को पहचानते हैं और इन्हें हल करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्वाइंट एक्शन कमेटी के साथ यह बैठक प्रभावशाली रही और बातचीत के ज़रिए समय पर समाधान ढूँढने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी।
संयुक्त कार्रवाई समिति ने भी बातचीत में शामिल होने और मुद्दों को हल करने की प्रतिबद्धता तथा पंजाब सरकार की इच्छा की सराहना की। दोनों पक्षों ने यह सुनिश्चित करने के लिए सहयोग जारी रखने पर सहमति जताई कि सभी लंबित मामलों को शीघ्र और प्रभावी ढंग से हल किया जाए।
22 सदस्यीय संयुक्त कार्रवाई समिति में शामिल थे – स्टेट कोऑर्डिनेटर एक्शन कमेटी एवं चेयरमैन गज़टेड और नॉन गज़टेड एससीबीसी एम्प्लॉइज़ वेलफेयर फेडरेशन, जसबीर सिंह पाल; को-कोऑर्डिनेटर एक्शन कमेटी एवं प्रधान बीएसएनएल एम्प्लॉइज़ वेलफेयर एसोसिएशन, जे.ई. हरविंदर सिंह; को-कोऑर्डिनेटर एक्शन कमेटी एवं प्रधान ज़बर जुल्म विरोधी फ्रंट, राज सिंह टोडरवाल; प्रधान, अंबेडकर मज़दूर चेतना मंच, कर्नैल सिंह नीलोवाल; प्रधान, गज़टेड और नॉन गज़टेड एससीबीसी एम्प्लॉइज़ वेलफेयर फेडरेशन, कुलविंदर सिंह बोदल; प्रधान, अंबेडकर सभा, हरजस सिंह; प्रधान, एससीबीसी पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन, बलराज कुमार; प्रधान, सरकारी पेंशनर्स एसोसिएशन, संगरूर, हरविंदर सिंह भट्ठल; स्टेट इंचार्ज, अंबेडकर मिशन क्लब, बलदेव सिंह धुग्गा; कोऑर्डिनेटर, पशु पालन अधिकारी एसोसिएशन, डॉ. सुखविंदर सिंह; चेयरमैन, नेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, बलदेव सिंह भारती; प्रधान, मनरेगा वर्कर्स फ्रंट, अजायब सिंह बठोई; प्रधान, ऑल इंडिया डॉ. अंबेडकर स्टूडेंट फेडरेशन, प्रीत कांशी; प्रधान, पेंशनर्स एसोसिएशन, कोटकपूरा, मनोहर लाल; संरक्षक, अनुसूचित जाति कर्मचारी/अधिकारी एसोसिएशन, सिविल सचिवालय, बंत सिंह; ज़ोनल इंचार्ज, अंबेडकर मिशन क्लब, जगा सिंह; चेयरमैन, ब्रास फाउंडेशन, सुनाम, गुरप्रीत सिंह; प्रधान, नेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, अमरजीत सिंह खटकर; चेयरमैन, ज़बर जुल्म विरोधी फ्रंट, भान सिंह जसी; महासचिव, अंबेडकर सभा, बलविंदर सिंह ज़िलेदार; अनुसूचित जाति अफसर एसोसिएशन के चेयरमैन, नरेश कुमार और अनुसूचित जाति अफसर एसोसिएशन के प्रधान, करमजीत सिंह शामिल थे।