चंडीगढ़, 25 अक्टूबर (हरबंस सिंह)

बेंगलुरु शहर भारत की प्राचीन मार्शल आर्ट्स और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के मुकाबले देखने के लिए तैयार हैजहाँ 7 से 9 नवंबर 2025 तक देश की बेहतरीन खेल और सांस्कृतिक प्रतिभाओं का एक भव्य राष्ट्रीय आयोजन होगा। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम — द्वितीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक पायथियन खेल — देशभर की पारंपरिक खेल विधाओं को नया स्वरूप देने की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण बनेगा।

जीकेवीकेयूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज़बेंगलुरु में आयोजित इस रोमांचक खेल उत्सव के दौरानविश्व  गतका फेडरेशन और एशियाई गतका फेडरेशन से संबद्ध देश की सबसे पुरानी राष्ट्रीय गतका शासक संस्था — नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनजीएआई) — द्वारा द्वितीय फेडरेशन गतका कप की मेजबानी भी की जाएगी। यह आयोजन पायथियन काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के सहयोग से द्वितीय राष्ट्रीय पायथियन खेलों के साथ-साथ आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य पारंपरिक खेल गतका को एक प्रमुख वैश्विक मंच पर आगे बढ़ाना है।

पीसीआई के चेयरमैन बिजेंदर गोयल और अध्यक्ष शांतनु अग्रहरी ने पारंपरिक मार्शल आर्ट्स और सांस्कृतिक संगठनों के व्यापक सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि पायथियन खेल स्वदेशी खेलों को सशक्त बनाएंगे और युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के अवसर प्रदान करेंगे। पीसीआई द्वारा प्रतिभागियों को आवासभोजन और टूर्नामेंट किट सहित सभी आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।

यह खुलासा करते हुए एनजीएआई के अध्यक्ष और राज्य पुरस्कार प्राप्त हरजीत सिंह ग्रेवाल ने बताया कि इस द्विस्तरीय चैम्पियनशिप के दौरान राष्ट्रीय गतका टीम का चयन किया जाएगाजो अगले वर्ष मास्को में होने वाले प्रथम अंतरराष्ट्रीय पायथियन सांस्कृतिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी न केवल पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगेबल्कि उन्हें द्विस्तरीय प्रमाणपत्रों से भी सम्मानित किया जाएगा।

गतका के प्रमोटर ग्रेवालजो पीसीआई के उपाध्यक्ष भी हैंने बताया कि इन प्रतियोगिताओं में 10 राज्यों के 19 वर्ष से कम आयु वर्ग के खिलाड़ी व्यक्तिगत और टीम इवेंट्स —  गतका-सोटी और फरी-सोटी — में अपनी युद्धक कला का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी स्वर्ण पदक विजेताओं का चयन सीधे अंतरराष्ट्रीय पायथियन सांस्कृतिक खेलों में भाग लेने के लिए किया जाएगा। उन्होंने इस कदम को गतका की विश्व यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया।

एनजीएआई के कार्यकारी अध्यक्ष सुखचैन सिंह ने कहा कि एक पारंपरिक मार्शल आर्ट से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय खेल बनने की दिशा में यह चैम्पियनशिप गतका के विकास का एक परिभाषित अध्याय सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल प्रतियोगिताओं का मंच होगाबल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और असाधारण एथलेटिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन भी करेगा।

उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2004 में स्थापना के बाद से एनजीएआई ने इस प्राचीन मार्शल आर्ट के संरक्षणसंचालन और आधुनिकीकरण के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। विश्व गतका फेडरेशन के अंतरराष्ट्रीय सहयोग और पायथियन खेलों की भागीदारी जैसी दूरदर्शी पहल के माध्यम से एनजीएआई गतका को वैश्विक खेल मंच पर स्थापित करने के लिए कार्यरत है।

हरजीत सिंह ग्रेवाल ने घोषणा की कि यह संयुक्त चैम्पियनशिप  गतका के लिए एक ऐतिहासिक छलांग होगी। हम केवल एक टूर्नामेंट का आयोजन नहीं कर रहे हैंबल्कि भारत के प्रसिद्ध गतका खिलाड़ियों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर रहे हैंजहाँ यह ऐतिहासिक कला और अधिक गौरव प्राप्त करेगी,” उन्होंने कहा। उन्होंने आगे कहा कि इन खेलों में प्रदर्शित बेमिसाल गतका कौशलअनुशासन और निपुण मार्शल आर्ट भारत की सांस्कृतिक विरासत का सशक्त प्रतीक बनेगा।

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