चंडीगढ़, 2 सितंबर (हरबंस सिंह)
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने कहा की कांग्रेस पार्टी ने चुनावों के दौरान महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का बड़े जोर-शोर से दावा किया है, लेकिन पार्टी की वास्तविकता इसके विपरीत है। हाल ही में कोलकाता, कन्नौज और केरल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, बलात्कार और शोषण की घटनाओं के मामले में कांग्रेस पार्टी की चुप्पी इस तथ्य को उजागर करती है कि उनके किये गए महिला सुरक्षा के वादे सिर्फ चुनावी रणनीति हैं।
चुग ने कहा की कांग्रेस के वरिष्ठ नेत्री सिमी रोज़बेल ने दावा किया कि केरल में पार्टी के भीतर महिलाओं को शोषण और कास्टिंग काउच का शिकार होना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप, सिमी रोज़बेल को तुरंत कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया। उनका यह निष्कासन यह दर्शाता है कि पार्टी में ईमानदार और सच्चे लोग स्थान नहीं पा सकते। रोज़बेल ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी में ईमानदारी और नैतिकता के लिए कोई स्थान नहीं है।
चुग ने कहा की कांग्रेस पार्टी के नारे “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” लेकिन जब अपनी पार्टी के भीतर ऐसी समस्याओं की बात आती है, तो कांग्रेस की चुप्पी एक गंभीर चिंता का विषय है। प्रियंका गांधी के महिला सशक्तिकरण के वादे और कांग्रेस के चुनाव से पहले किए गए घोषणाएं चुनाव के बाद पूरी तरह से भिन्न हैं। कांग्रेस पार्टी और सीपीएम पीड़ितों की सुरक्षा के बजाय शोषण और उत्पीड़न करने वालों का समर्थन करती नजर आती हैं।
चुग ने कहा संविधान का अनुच्छेद 21 महिलाओं को ससम्मान काम करने का अधिकार देता है लेकिन कांग्रेस पार्टी इस सिद्धांत पर विश्वास नहीं रखती। यह स्पष्ट करता है की घड़ी – घड़ी सविधान की दुहाई का पाखंड करने वाली कांग्रेस न सिर्फ महिला विरोधी है बल्कि संविधान विरोधी भी है।