चंडीगढ़, 1 सितंबर (हरबंस सिंह)

चंडीगढ़ में समाजित सुरक्षा के लिए प्रदान की जाने वाली पेंशन स्कीम जैसे बुढ़ापा पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांग पेंशन केवल 1000 रूपए है ।  पिछले कई सालो से पेंशन को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से पेंशनर्स को नजरअंदाज किया जा रहा है।  बढ़ती महंगाई को देखते हुए चंडीगढ़ में पेंशन 1000 रूपए से बढ़ाकर 5000  रूपए होनी चाहिए।  इस लिए समाज सेवी जसविंदर सिंह लक्की द्वारा बुढ़ापा पेंशन, विधवा पेंशन  और विकलांग की पेंशन को बढ़ाने के लिए मुहीम “एक मुहीम बजुर्गो के नाम ” की शुरुआत आज चंडीगढ़ लेक पर प्रदर्शन करके की हैl   जसविंदर लक्की ने बताया की पंजाब और हरियाणा जैसे बड़े राज्यों में पेंशन (पंजाब में 1500) और (हरियाणा में 3000 ) रूपए है  जो की चंडीगढ़ से तीन गुना ज्यादा है और चंडीगढ़ इन दोनों राज्यों की राजधानी होने के बावजूद यहाँ पेंशन पिछले कई सालो से सिर्फ 1000  रूपए ही है।  आज की महंगाई को देखते हुए मैं चंडीगढ़ प्रशासन को पूछना चाहता हु कि क्या कोई व्यक्ति 1000 रूपए में पूरा महीना गुजारा कर सकता है क्योंकि बहुत पेंशनर सिर्फ और सिर्फ अपनी पेंशन पर ही निर्भर है।  मैं अपने शहर वासियो को हाथ जोड़ कर विनती करता हूँ कि हम सब इस मुहीम का हिस्सा बने क्योंकि बजुर्ग हमारे हर एक के परिवार में है और हमें सभी को अपने बजुर्गो के अधिकारों के लिए उनके साथ खड़ना चाहिए क्योंकि कल हमने भी इस दौर से गुजरना है इस लिए आओ हम सब मिलकर इस मुहीम का मजबूत बनाये  और  चंडीगढ़ प्रशासन पर दबाब बन सके ताकि हमारे बजुर्गो की पेंशन में बढ़ोतरी हो सके और सभी पेंशनर अपना अच्छा जीवन बिता सके।

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