चंडीगढ़, 25 जुलाई(हरबंस सिंह)

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से लैंड-पूलिंग पॉलिसी कि वापस लेने की अपील की है, जो न केवल किसानों को उनकी जमीनों से वंचित करेगी, बल्कि पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था को भी तबाह कर देगी।

इसी क्रम में, वड़िंग का ‘लैंड-पूलिंग’ पर प्रश्न आज लोकसभा में शून्यकाल के लिए सूचीबद्ध था। हालाँकि, सत्र स्थगित होने के कारण यह प्रश्न वहाँ नहीं उठाया जा सका।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत, किसान को उसकी ज़मीन के बाजार मूल्य का तीन गुना, यानी 300 प्रतिशत मिलना चाहिए। लेकिन आप सरकार बिना किसी मुआवजे के ज़मीन हड़प रही है, जो पहले कभी नहीं हुआ है और न ही कभी सुना गया था।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को झूठे आश्वासन दे रही है कि उनकी ज़मीन की कीमतें बढ़ेंगी और अगर वे अपनी ज़मीन देंगे, तो उन्हें उचित मुआवज़ा मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक एकड़ के बदले 1000 वर्ग गज ज़मीन देना साफ़ तौर पर लूट है। जहाँ किसानों को 300 प्रतिशत मिलना चाहिए, वहाँ उन्हें सिर्फ़ 25 प्रतिशत ही दिया जा रहा है। उन्होंने ने किसानों से पूछा कि इस नीति को कौन स्वीकार कर सकता है? इस दौरान उन्होंने कांग्रेस द्वारा किसानों का साथ देने का आश्वासन भी दिया।

लुधियाना से सांसद ने ज़ोर देते हुए कहा कि आप सरकार को आखिरकार यह नीति वापस लेनी ही होगी, क्योंकि कांग्रेस इस लड़ाई को कानूनी, विधायी और जनता तक पहुँचाते हुए, सभी मोर्चों पर लड़ेगी।

इस अवसर पर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पंजाब भर के ज़िला अध्यक्षों से लैंड-पूलिंग नीति के खिलाफ राज्य भर के डिप्टी कमिश्नर कार्यालयों का ‘घेराव’ करने के लिए भी तैयार रहने को कहा।

उन्होंने कहा कि अगर यह नीति लागू की गई, तो 50,000 एकड़ ज़मीन कंक्रीट के जंगल में तब्दील होने और पर्यावरण को नुकसान पहुँचने के अलावा, यह पंजाब की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को भी तबाह कर देगी।

इस पर उन्होंने चेतावनी दी कि 50,000 एकड़ कृषि भूमि को कंक्रीट में बदलने से खाद्यान्न उत्पादन प्रभावित होगा, जिससे पंजाब को हर साल 80,000 करोड़ रुपये की कमाई होती है और राज्य की अर्थव्यवस्था को चलाने में मदद मिलती है।

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