चंडीगढ़,1 8 जुलाई(हरबंस सिंह)
भारतीय जनता पार्टी पंजाब के महासचिव श्री जगमोहन सिंह राजू जी ने पंजाब विधानसभा में पेश किए गए “पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक, 2025” पर तीखा प्रहार करते हुए इसे एक “कमज़ोर, भ्रम फैलाने वाला और दलित-विरोधी कानून” करार दिया।
राजू जी ने कहा कि इस विधेयक में श्री गुरु रविदास जी (अमृतबाणी), भगवान वाल्मीकि जी, संत कबीर जी और संत नाभादास जी के पवित्र ग्रंथों एवं मूर्तियों के प्रति अनादर के मामलों में सज़ा का कोई स्पष्ट प्रावधान शामिल नहीं किया गया है, जो कि इस सरकार की दलित समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण और घृणित मानसिकता को उजागर करता है।
राजू जी ने कहा:
“पिछले कई वर्षों से पंजाब की जनता, विशेष रूप से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के खिलाफ हो रही बेअदबियों का गहरा दुख और आक्रोश झेल रही है। लोग न्याय की उम्मीद में जी रहे हैं। उन्हें एक ऐसा सख्त कानून चाहिए जो इन गंभीर अपराधों को रोक सके। लेकिन इस सरकार ने जो बिल पेश किया है, वह महज एक दिखावा है – कानूनी शब्दजाल में लिपटी एक खोखली घोषणा, जो जनता को गुमराह करने के लिए लाई गई है।”
उन्होंने आगे कहा की यह बिल बिना किसी विचार विमर्श के पेश किया गया क्यूंकि:-
“इस विधेयक में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी, जो कि सिखों के लिए जीवित गुरु हैं, को अन्य ग्रंथों के समकक्ष रखने की कोशिश की गई है। यह दिखने में भले ही समावेशी लगे, लेकिन यह सिख समुदाय की भावनाओं और श्रद्धा की गंभीर अनदेखी है। यह नजरिया स्वयं में असंवेदनशीलता का परिचायक है।”
भाजपा की मांग:
भाजपा पंजाब की यह स्पष्ट मांग है कि एक ऐसा कठोर, स्पष्ट और प्रभावी कानून लाया जाए जो सभी पवित्र ग्रंथों और धार्मिक प्रतीकों की गरिमा की रक्षा करे — विशेष रूप से दलित समुदाय के पूजनीय संतों और ग्रंथों की भी।
“हम यह दोहराते हैं कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब, सभी प्रकार की बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई और न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। सिर्फ कानून नहीं, नीयत भी होनी चाहिए – और यह सरकार सिर्फ बहाना बना रही है, समाधान नहीं।”