चंडीगढ़ / पटियाला, 3 जून (हरबंस सिंह)
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व अधीन चलाई जा रही मुहिम ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ के हिस्से के तौर पर डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने आज पटियाला पुलिस लाईनज़ में अत्याधुनिक एंटी नारकोटिकस टास्क फोर्स(एऐनटीऐफ) के दफ़्तर का उद्घाटन किया। इस दौरान डीजीपी गौरव यादव के साथ विशेष डीजीपी ए. एन. टी. एफ. कुलदीप सिंह और ए. एन. टी. एफ. के ए. डी. जी. पी. नीलाभ किशोर भी मौजूद थे।
ज़िक्रयोग्य है कि 1 करोड़ रुपए की लागत के साथ 6800 वर्ग फुट में निर्मित यह एक अत्याधुनिक दो मंजिला इमारत है, जो नशा तस्करी को प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए तकनीकी साजो-समान के साथ लैस है।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि यह सुविधा नवीनतम फोरेंसिक साजो-सामान, डाटा विश्लेषण प्रणालियों, फोरेंसिक डाटा इनक्रिपशन और डक्रिपशन और क्रिपटो करैंसी जांच करने वाले उपकरणों के साथ लैस है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा की प्रभावशीलता को और कारगर बनाने के लिए कुशल तकनीकी माहिरों की समर्पित टीम को तैनात किया जा रहा है जिससे किसी भी किस्म का आपराधिक नैटवर्क पंजाब में सिर उठाने की हिमाकत न कर सके।
डीजीपी ने कहा, ‘‘रैपिड रिस्पांस और कार्यशील गतिशीलता को बढ़ाने के लिए यूनिट को नये वाहन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं जिससे मुस्तैद और प्रभावी ढंग से निर्णायक कार्यवाही को अंजाम दिया जा सके।
एएनटीएफ की बिल्डिंग का उद्घाटन करने के बाद मीडिया को संबोधन करते हुये डीजीपी गौरव यादव ने ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम को बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि नशों के मुकम्मल ख़ात्मे तक यह मुहिम राज्य में जारी रहेगी।
पंजाब पुलिस ने व्यापक पहुँच अपनाई है जिसके उद्देश्य न केवल नशा तस्करों को काबू करना है बल्कि नशों के काले कारोबार में शामिल बड़ी मछलियों पर नकेल कसना भी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने तस्करों के विरुद्ध सख़्त रवैया अपनाया है और नशों की गिरफ़्त में फंसे नौजवानों के पुनर्वास के लिए भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
एऐनटीऐफ को नशों विरोधी मुहिम का केंद्र बताते हुये डीजीपी ने कहा कि जिलों में इनफोरसमैंट गतिविधियों की निगरानी के इलावा, यह यूनिट अन्य विभागों के साथ तालमेल करके नशा छुड़ाओ रणनीतियों को लागू करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने पिछले वित्तीय साल में तकनीकी आधुनिकीकरण के लिए 12 करोड़ रुपए की ग्रांट दी थी, जब कि इस साल इस ग्रांट को बढ़ा कर 13.5 करोड़ रुपए कर दिया गया, जो कि ए. एन. टी. एफ. के बुनियादी ढांचे को और मज़बूत और बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसी तर्ज़ पर जालंधर रेंज में ए. एन. टी. एफ का दफ़्तर निर्माण अधीन है और बहुत जल्दी सभी रेंजों में ऐसे ए. एन. टी. एफ. दफ्तर होंगे।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि ‘सेफ पंजाब’ वटसऐप चैटबोट पोर्टल – 9779100200- एक महत्वपूर्ण पहल के तौर पर उभरा है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर नशा तस्करों और नशों के आदी व्यक्तियों के बारे सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाती है जिस कारण लोगों की तरफ से इसको काफी प्रोत्साहन मिला है और वह इस पर अपने सुझाव भी दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर प्राप्त हुए 7635 मामलों में से 1596 में ऐफआईआरज़ दर्ज करते हुये 1814 मुलजिमों को गिरफ़्तार किया गया है।
‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम के नतीजे सांझे करते हुये डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने 1 मार्च, 2025 से अब तक 8960 ऐफआईआरज़ दर्ज करके 15,272 नशा तस्करों को गिरफ़्तार किया है और मुलजिमों के कब्ज़े में से 603 किलो हेरोइन, 249 किलो अफ़ीम, 14 टन भुक्की, 9 किलो चरस, 262 किलो गाँजा, 2.5 किलो आईसीइ, 1.6 किलो कोकिन, 26.28 लाख नशीली गोलियां/कैपसूल और 10.81 करोड़ रुपए की ड्रग मनी बरामद की गई है। उन्होंने आगे कहा कि इसके साथ ही 144 नशा तस्करों की 74.27 करोड़ रुपए की ग़ैर-कानूनी जायदादें भी ज़ब्त की गई हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने अपनी रणनीति के विशेष पक्ष को उभारते हुये कहा कि ध्यान देने वाली बात यह है कि 1121 नशा करने वाले जिन व्यक्तियों को नशों की थोड़ी सी मात्रा के साथ काबू किया गया था, को अपराधियों की तरह नहीं बल्कि उन्हें पीड़ित मानते हुये ऐनडीपीऐस एक्ट की धारा ‘ए’ के अंतर्गत पुनर्वास के लिए भेजा गया है। इसके इलावा पुलिस ने डी-एडिकश सैटरों में 5786 नशा छुड़ाओ इलाज के लिए दाखि़ल करवाया है और 6483 नशा पीड़ितों को ओट क्लीनिकों में सेवाएं हासिल करने के लिए राज़ी किया है।
उन्होंने कहा कि मुहिम की सफलता का श्रेय लोगों को जाता है क्योंकि 19,559 गाँव की रक्षा कमेटियों ने बहुत सक्रियता से सम्बन्धित अथॉरिटी का साथ दिया है। डीजीपी ने लोगों को नशों के विरुद्ध इस जनहितैषी मुहिम को समर्थन जारी रखने और उनको सेफ पंजाब चैटबोट -9779100200 पर गुप्त रूप में नशों सम्बन्धी जानकारी देने के लिए अपील की।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा ज़मानत पर बाहर आए बड़े नशा तस्करों की गतिविधियों की निगरानी और ट्रैक करने के लिए जीपीएस ऐंकलैटों के प्रयोग की संभावना तलाशी जा रही है। डीजीपी ने कहा, ‘‘हम समर्थ अदालत की मंजूरी के साथ जीपीएस ऐंकलैटों के द्वारा ज़मानत पर रिहा हुए बड़े तस्करों की गतिविधियों को ट्रैक करने और निगरानी के लिए कानूनी पक्ष से प्रस्ताव की जांच कर रहे हैं।’’
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पंजाब पुलिस एआई आधारित डाटाबेस भी विकसित कर रही है जिससे ऐनडीपीऐस एक्ट के अधीन गिरफ़्तार किये व्यक्तियों के अगले-पिछले सम्बन्धों की और गहराई से जांच की जा सके।
इस मौके पर डीआईजी एएनटीएफ संजीव कुमार रामपाल, डीआईजी पटियाला रेंज डॉ. नानक सिंह, एसएसपी वरुण शर्मा और एआईजी एएनटीएफ भूपिन्दर सिंह मौजूद थे।