चंडीगढ़/गुरकिरपा  ब्यूरो/ 10 /अप्रैल/2025

भाजपा पंजाब के अध्यक्ष सुनील कुमार जाखड़ ने आज पंजाब के राज्यपाल को कड़े शब्दों में पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा गंभीर संवैधानिक उल्लंघन और संस्थागत दुरुपयोग किए जाने पर चिंता जताई।
जाखड़ ने पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री के ऑन-रिकॉर्ड बयान के बाद मुख्यमंत्री पर राजनीतिक जासूसी के लिए राज्य के खुफिया तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जिसमें मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी मैं सरकार में हूं, मेरे पास खुफिया जानकारी है।
जाखड़ ने कहा कि यह एक छोटी सी टिप्पणी नहीं थी, बल्कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर निगरानी के लिए राज्य के खुफिया नेटवर्क को तैनात करने की सार्वजनिक स्वीकृति थी, यह लोकतांत्रिक मानदंडों और संस्थागत औचित्य का एक गंभीर विध्वंस है ।
उन्होंने आगे कहा कि इस बयान के तुरंत बाद, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) आर. के. जायस्वाल का अचानक तबादला कर दिया गया। जाखड़ ने कहा इसे संयोग के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता। क्या उन्हें राजनीतिक निर्देशों का पालन करने से इनकार करने के लिए हटा दिया गया था? क्या वह खुफिया शाखा को सत्तारूढ़ दल के निजी औजार में बदलने के दबाव का विरोध कर रहे थे?
जाखड़ ने 7-8 अप्रैल की रात को जालंधर में भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया के आवास पर हुए ग्रेनेड हमले का भी हवाला दिया और कहा कि यह इस बात की याद दिलाता है कि कैसे राजनीतिक जासूसी की ओर खुफिया संसाधनों का मोड़ वास्तविक खतरों को रोकने की राज्य की क्षमता को कमजोर कर सकता है।
अपने पत्र में जाखड़ ने राज्यपाल से खुफिया जानकारी के दुरुपयोग और एडीजीपी को हटाने की उच्च स्तरीय न्यायिक या स्वतंत्र जांच का आदेश देने का आग्रह किया। उन्होंने राज्यपाल से इस मामले को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेंसियों को भेजने का आग्रह करते हुए कहा कि एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य के रूप में पंजाब की स्थिति इसे न केवल राज्य का मुद्दा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बनाती है।
जाखड़ ने स्थिति को इंटेलगेट पंजाब के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि यह राजनीतिक उद्देश्यों के लिए, संस्थागत कब्जा करने के लिए अपनाया गया एक खतरनाक पैटर्न है।

शेयर